शनिवार, 12 अप्रैल 2025

13 अप्रैल


13 अप्रैल 
 जलियांवाला बाग हत्याकांड दिवस
जलियांवाला बाग हत्याकांड भारत की आजादी के इतिहास की वो दुखद घटना है, जो 13 अप्रैल 1919 को  घटना घटी थी। इस दिन पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग में निहत्थे मासूमों का भयानक कत्लेआम हुआ था। अंग्रेजों ने निहत्थे और मासूम भारतीयों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। यह घटना अमृतसर हत्याकांड के रूप में भी जाना जाती है। तब देश में  रोलेट एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे थे। बैसाखी के ही दिन, 13 अप्रैल 1919 को समूचे देश के साथ अमृतसर के जलियांवाला बाग में भी रौलेट एक्ट के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। इस दौरान ही अचानक वहां दल-बल के साथ अंग्रेज ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर पहुंच गया, जिसने कोई भी चेतावनी दिए बिना ही निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोली चलाने का आदेश दे दिया। बाहर निकलने के रास्ते बंद कर दिए गए थे। करीब 10 मिनट तक गोलियां चलती रहीं। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर से उधर भाग रहे थे, कई कुएं में भी कूद गए लेकिन फिर भी जान बचाने में नाकाम रहे। जलियांवाला बाग में अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार का बदला बाद में ऊधम सिंह ने लिया।

सियाचिन दिवस 
हर साल 13 अप्रैल को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन दिवस (Siachen Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें 1984 में ऑपरेशन मेघदूत की सफलता की याद दिलाता है। बता दें कि ऑपरेशन मेघदूत के तहत भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र , सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण हासिल किया था। इस दिन, भारतीय सेना द्वारा सियाचिन ग्लेशियर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 1970 के दशक से भारत और पाकिस्तान के बीच इस पर विवाद चल रहा था। अंततः भारत की जीत हुई। यह दिन सियाचिन की बर्फीली चोटियों पर नियंत्रण करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें भारतीय जवानों द्वारा दिखाए गए साहस और धैर्य की याद दिलाता है।

अंतरराष्ट्रीय पगड़ी दिवस 
सिखों को उनके धर्म के अनिवार्य भागों के रूप में पगड़ी लगाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता के लिए 2004 से हर साल 13 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पगड़ी दिवस (अंतर्राष्ट्रीय पगड़ी दिवस) मनाया जाता है। पगड़ी सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह सिख धर्म के सिद्धांतों का पालन करने और अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखने का प्रतीक है. 13 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है, जो सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह दिन सिख समुदाय के लिए एकता और भाईचारा का संदेश देता है. इस दिन 13 अप्रैल 1699 को, दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की। जिससे यह दुनिया भर के सिखों के लिए एक प्रमुख तारीख बन गई। और इसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पगड़ी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 

अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस 
13 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय जाट दिवस मनाया जाता है।जलियांवाला बाग हत्याकांड में सबसे ज्यादा जाट समाज ने कुर्बानियां दी थी, इन कुर्बानियों की याद में 13 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस (अंतरराष्ट्रीय जाट दिवस) मनाया जाता है।इसके अलावा इन दिनों खरीफ की फसल का लगभग काम पूरा हो चुका होता है और किसान रबी की फसल बोने की तैयारी करते हैं और जाट समाज के ज्यादातर लोग कृषि से जुड़े हुए हैं तो वह अपने पूर्वजों को याद करके अप्रैल महीने में फिर से रबी की फसल बोने की तैयारी करते हैं इसीलिए अप्रैल में इंटरनेशनल जाट दिवस मनाया जाता है। इस दिन जाट समुदाय के लोग जगह-जगह कार्यक्रम करते हैं और अपने समाज से जुड़े हुए नेताओं और महान हस्तियों को याद करते हुए पुष्प अर्पित करते हैं।

शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025

12 अप्रैल


12 अप्रैल 
अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस 
International Day of Human Space Flight
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 अप्रैल 2011 के अपने संकल्प A/RES/65/271 में 12 अप्रैल को  अंतर्राष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस के रूप में घोषित किया था  , "ताकि प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव जाति के लिए अंतरिक्ष युग की शुरुआत का जश्न मनाया जा सके, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और राज्यों और लोगों की भलाई बढ़ाने में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण योगदान की पुष्टि की जा सके, साथ ही शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाहरी अंतरिक्ष को बनाए रखने की उनकी आकांक्षा की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।" 12 अप्रैल 1961 को सोवियत नागरिक यूरी गगारिन ने पहली बार अंतरिक्ष में मानव उड़ान भरी थी। इस ऐतिहासिक घटना ने पूरी मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण का रास्ता खोल दिया।4 अक्टूबर 1957 को पहला मानव निर्मित पृथ्वी उपग्रह स्पुतनिक I बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण का मार्ग खुल गया। 12 अप्रैल 1961 को, यूरी गगारिन पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले पहले मानव बने, जिसने बाहरी अंतरिक्ष में मानव प्रयास का एक नया अध्याय खोला।घोषणापत्र में आगे "बाह्य अंतरिक्ष में मानव उपस्थिति के अद्भुत इतिहास और प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान के बाद की उल्लेखनीय उपलब्धियों, विशेष रूप से 16 जून 1963 को वैलेंटिना तेरेश्कोवा का पृथ्वी की परिक्रमा करने वाली प्रथम महिला बनना, 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग का चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाला प्रथम मानव बनना, तथा 17 जुलाई 1975 को अपोलो और सोयूज अंतरिक्षयानों का डॉकिंग होना, जो अंतरिक्ष में पहला अंतर्राष्ट्रीय मानव मिशन था, का स्मरण किया गया है और स्मरण कराया गया है कि पिछले एक दशक से मानवता ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बाह्य अंतरिक्ष में एक बहुराष्ट्रीय स्थायी मानव उपस्थिति बनाए रखी है।"

गुरुवार, 10 अप्रैल 2025

11 अप्रैल


11 अप्रैल 
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस
National Safe Motherhood Day 
हर साल 11 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस’ मनाया जाता है. इसका मकसद है जागरूकता फैलाकर मां बनने की प्रक्रिया में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाना. 11 अप्रैल को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का जन्म हुआ था. उन्होंने देश में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कदम उठाकर उसे जमीन पर उतारने का काम किया था. व्हाइट रिबन एलायंस ने भारत सरकार के साथ मिलकर यह निर्णय लिया था कि देश में एक दिन ऐसा होना चाहिए, जिस पर माताओं के स्वास्थ्य के बारे में खुलकर चर्चा हो सके, लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए. अंततः 11 अप्रैल का चयन किया गया. इस दिन लोगों को माताओं के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है.भारत ने ही इस दिन को मनाने की पहल की थी. इस दिन हम लोगों से मातृत्व सुरक्षा के बारे में चर्चा करते हैं और आम लोगों को इसे लेकर जागरूक करते हैं. उन्होंने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह भी है कि हम मातृत्व मृत्यु को कम करने की कोशिश करें, ताकि माताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. 

राष्ट्रीय पालतू पशु दिवस
जानवरों को प्यार और उनकी देखभाल करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 11 अप्रैल को 'नेशनल पेट्स डे' यानी 'राष्ट्रीय पालतू दिवस' मनाया जाता है. इसके साथ ही अपने पालतू जानवरों (Pets) के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए भी इस दिन को मनाया जाता है. पशु कल्याण अधिवक्ता और विशेषज्ञ कोलीन पेज ने 11 अप्रैल 2006 को नेशनल पेट्स डे की स्थापना की थी. राष्ट्रीय पालतू दिवस’ मनाने की शुरुआत वर्ष 2006 में कोलीन पेज ने की थी. पशु कल्याण अधिवक्ता और विशेषज्ञ कोलीन ने अपने पालतू जानवरों के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए 11 अप्रैल को नेशनल पेट डे की स्थापना की थी. तब से हर वर्ष 11 अप्रैल को अमेरिका में नेशनल पेट्स डे मनाया जाने लगा. वैसे तो मुख्य तौर पर इस दिन को अमेरिका में ही मनाया जाता है. लेकिन भारत सहित इस दिन की लोकप्रियता अन्य देशों में भी बढ़ती जा रही है और लोग इस दिन को मनाने के लिए प्रयासरत देखे जाते हैं. 11 अप्रैल को राष्ट्रीय पालतू दिवस उन पालतू जानवरों को समर्पित है जिन्हें हमेशा वह साथ और ध्यान नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं। जबकि हम अपने पालतू जानवरों से हर दिन प्यार करते हैं, यह दिन अनाथ पालतू साथियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा और उन्हें गोद लेने के अवसर बढ़ेंगे। सेलिब्रिटी पालतू जीवनशैली विशेषज्ञ और पशु कल्याण अधिवक्ता कोलीन पेज ने 2006 में इस दिवस की स्थापना की थी। पेगे ने अन्य पालतू-जानवर संबंधित छुट्टियां भी बनाई हैं जैसे राष्ट्रीय कुत्ता दिवस और राष्ट्रीय बिल्ली दिवस। यह सभी दिन हमें पालतू जानवरों के महत्व को याद दिलाता है और उनके ख्याल रखने और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है।

विश्व पार्किंसंस दिवस
हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस इस प्रगतिशील तंत्रिका तंत्र विकार के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। यह आम जनता को इस बीमारी की वास्तविकता को समझने में मदद करने का दिन भी है।यूरोपीय पार्किंसंस रोग एसोसिएशन (EPDA) और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 अप्रैल, 1997 को विश्व पार्किंसंस दिवस की स्थापना की। 11 अप्रैल डॉ. जेम्स पार्किंसन का जन्मदिन है। वे पार्किंसंस को एक चिकित्सा स्थिति के रूप में मान्यता देने वाले पहले चिकित्सक हैं। उन्होंने 1817 में एक निबंध प्रकाशित किया था, जिसका नाम था, "एन एसे ऑन द शेकिंग पाल्सी।" 2005 में 9वें विश्व पार्किंसंस रोग दिवस सम्मेलन के दौरान, लाल ट्यूलिप को रोग के आधिकारिक प्रतीक के रूप में अपनाया गया था। पार्किंसंस फाउंडेशन के हालिया आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 10 मिलियन से ज़्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। यह न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर तब होता है जब मस्तिष्क में न्यूरॉन्स टूट जाते हैं या मर जाते हैं। जब ये तंत्रिका कोशिकाएँ मर जाती हैं, तो यह मस्तिष्क में डोपामाइन के स्तर को कम कर देता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो एक तंत्रिका कोशिका से दूसरे तंत्रिका कोशिका तक संदेश भेजता है। कम डोपामाइन का स्तर असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप बिगड़ा हुआ आंदोलन होता है। यही कारण है कि कंपन आमतौर पर पार्किंसंस रोग का पहला लक्षण होता है।

10 अप्रैल


10 अप्रैल 

विश्व होम्योपैथी दिवस 
विश्व होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उपचार के रूप में होम्योपैथी का दो शताब्दियों से अधिक का समृद्ध इतिहास है। हमारे देश में पिछले कुछ वर्षों में इसका पोषण हो रहा है और यह हमारे स्वास्थ्य तंत्र और प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है। होम्योपैथी का शाब्दिक अर्थ है 'होमो' अर्थात समान, 'ईओ' अर्थात रोगी के लक्षण तथा 'पैथी' अर्थात पीड़ा; मूलतः यह एक जर्मन शब्द है, जिसे किसी और ने नहीं बल्कि होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन ने गढ़ा था, जिनकी जयंती 10 अप्रैल को होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन होम्योपैथी को दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्वीकार करता है और यह 80 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। यह अत्यधिक तनुकृत पदार्थों के उपयोग पर आधारित एक उपचार है, जिसके बारे में चिकित्सकों का दावा है कि यह शरीर को स्वस्थ रख सकता है। होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973, होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली को भारत में एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली बनाता है।

जल संसाधन दिवस
10 अप्रैल को जल संसाधन दिवस मनाया जाता है।
जल संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना इसका उद्देश्य है।यह दिन हमें जल संसाधनों पर विचार करने का अवसर देता है। संभव है कि आने वाला युद्ध जल के लिए ही हो वैश्विक स्थलीय जल संरक्षण में एक सेंटीमीटर प्रति वर्ष गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि भारत में जल संग्रहण की स्थिति में 3 से 4 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष गिरावट देखी जा रही है, जो चिंता जनक है। हमें जल संसाधन को बचाकर रखना होगा। इसके लिए जल बचत की आदत डालनी होगी। जल संसाधन दिवस मनाने की शुरुआत भारत में हुई, जो जल के महत्व और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है. 

चंपारण सत्याग्रह दिवस 
(Champaran Satyagraha ) 
चंपारण सत्याग्रह से भारत में मोहनदास करमचंद गांधी ने प्रयोगों की शुरुआत की। इसी के साथ चंपारण किसान आंदोलन (Champaran Peasant Movement ) शुरू हुआ। इसका लक्ष्य यूरोपीय बागान मालिकों के खिलाफ किसानों के बीच प्रतिरोध को जगाना था। इन बागान मालिकों ने नील की खेती के अवैध और कठोर तरीकों का इस्तेमाल एक कीमत पर किया जिसे न्याय के सिद्धांतों के अनुसार किसानों के श्रम के लिए पर्याप्त नही  माना जा सकता था, जिस अन्याय  पर  गाँधी जी ने आंदोलन करने का निश्चय किया। यह महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया भारत का पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन भी माना जाता है । महात्मा गांधी ने 10 अप्रैल 1917 को अपना चंपारण सत्याग्रह शुरू किया , और ब्रिटिश प्रशासन का बिहार के चंपारण इलाके में कई किसानों को ब्रिटिश प्रशासन के तहत अपनी संपत्ति पर नील का उत्पादन करने के लिए मजबूर किये किसानो , मजदूरों के साथ  एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नेताओ के साथ आंदोलन कर दिया, इस अभूतपूर्व प्रकार के अहिंसक प्रतिरोध से चिंतित होने के बाद,  1 मई को भारत के गवर्नर जनरल द्वारा हस्ताक्षरित चंपारण कृषि अधिनियम 1918 (Champaran Agrarian Act 1918 in Hindi), किसानों के हितों की रक्षा करने वाले आंदोलन का एक महत्वपूर्ण परिणाम था। चम्पारण सत्याग्रह  गांधी जी के नेतृत्व में सन् 1917 में देश का किया पहला सत्याग्रह आंदोलन था। गांधी जी ने सत्याग्रह के ज़रिये लोगों को भय से लड़ना सिखाया।

बुधवार, 9 अप्रैल 2025

9 अप्रैल


9 अप्रैल 
सीआरपीएफ का शौर्य दिवस
 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के रन फॉर कक्ष में सीआरपीएफ के जवानों ने 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। उक्त हमले में सीआरपीएफ के 6 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी याद में शौर्य दिवस मनाया जाता है। 9 अप्रैल 1965 को, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ जिसमें पाकिस्तानी सेना ने गुजरात के रण ऑफ कच्छ में स्थित सरदार पोस्ट पर हमला कर दिया। इस पोस्ट पर सीआरपीएफ जवानों की संख्या बहुत कम थी जबकि पाकिस्तानी सेना की संख्या अधिक थी। लेकिन सीआरपीएफ जवानों ने साहस और वीरता से पाकिस्तानी सेना का डटकर मुकाबला किया और उन्हें हमला करने से रोक दिया। हालाँकि इस युद्ध में सीआरपीएफ के 6 जवान शहीद हो गए और 34 घायल हो गए। यह एक ऐतिहासिक घटना थी जिसने इतिहास रच दिया। तब से लेकर हर साल 9 अप्रैल को बहादुर सैनिकों के सम्मान में सीआरपीएफ शौर्य दिवस मनाया जाता है।

नवकार महामंत्र दिवस
नवकार महामंत्र दिवस आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो जैन धर्म में सबसे अधिक पूजनीय और सार्वभौमिक मंत्र- नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप के माध्यम से लोगों को एकजुट करने का प्रयास करता है। अहिंसा, विनम्रता और आध्यात्मिक उत्थान के सिद्धांतों पर आधारित यह मंत्र प्रबुद्ध व्यक्तियों के गुणों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है और आंतरिक परिवर्तन की प्रेरणा देता है। यह दिवस सभी व्यक्तियों को आत्म-शुद्धि, सहिष्णुता और सामूहिक कल्याण के मूल्यों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। JITO (जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन) अहमदाबाद और जैन समाज द्वारा विश्व कल्याण के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 9 अप्रैल को 'विश्व नवकार महामंत्र दिवस' का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन जैन समुदाय की ओर से विश्व शांति और अहिंसा के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से होता है। नवकार महामंत्र का मूल संदेश सभी जीवों के प्रति स्नेह और आदर है, जो अनेक धर्मों के मूल सिद्धांतों से मेल खाता है। यह मंत्र अहिंसा का एक प्रबल संदेश देता है, जिसे न केवल जैन धर्म बल्कि हिंदू, बौद्ध और कई अन्य धर्म भी मानते हैं। इस मंत्र के जाप से आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक विकास के माध्यम से विश्व का कल्याण संभव है।

एन एस यू आइ स्थापना दिवस 
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का स्थापना दिवस 9, अप्रैल को मनाया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी स्व. इंदिरा गांधी जी द्वारा 9,अप्रेल 1970 को छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकार दिये जाने हेतु छात्रों का पूर्ण और राजनैतिक संगठन भाराछासं. (National Student Union of India) का गठन किया गया था। जिसके अर्न्तगत एक पृथक संविधान तथा ध्वज को भी आकार दिया गया। NSUI के गठन के बाद से ही आज तक छात्र छात्राओं की ज्वलंत समस्याओं के लिये संघर्षशील एवं अपने निहित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये प्रयासरत रहा हैं।

अंतर्राष्ट्रीय गुलाबी दिवस
अंतर्राष्ट्रीय गुलाबी दिवस को दुनिया भर के शहरों और कस्बों में बदमाशी, भेदभाव, समलैंगिकता-विरोध, ट्रांसफोबिया और ट्रांसमिसोजिनी के खिलाफ़ एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में स्थापित किया गया है। इस दिन, सभी को गुलाबी शर्ट पहनकर और अपने कार्यस्थलों, स्कूलों और समुदायों में इस दिन के समर्थन में गतिविधियाँ आयोजित करके विविधता का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 2007 में हुई थी, जब कनाडा में दो लड़कों ने देखा कि एक अन्य लड़के को गुलाबी शर्ट पहनने के कारण परेशान किया जा रहा है, तो उन्होंने अगले दिन पूरे स्कूल में गुलाबी शर्ट पहनने के लिए एक अभियान चलाया।



मंगलवार, 8 अप्रैल 2025

8 अप्रैल


8 अप्रैल 
मंगल पांडे का बलिदान दिवस
मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में 29 मार्च 1857 को अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया था अत: उन्हें आजादी की लड़ाई का अगदूत भी कहा जाता है। भारतीय इतिहास में इस घटना को ‘1857 का गदर’ नाम दिया गया। इसके घटना के बाद मंगल पांडे को अंग्रेज सिपाहियों ने गिरफ्तार किया गया तथा उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाया और फांसी की सजा सुना दी गई। कोर्ट के फैसले के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फांसी दी जानी थी, लेकिन अंग्रेजों द्वारा 10 दिन पूर्व ही यानी 8 अप्रैल सन् 1857 को ही मंगल पांडे को फांसी दे दी गई।

अंतर्राष्ट्रीय रोमा दिवस
यह दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय रोमानी दिवस के रूप में भी जाना जाता है, 1990 में पहली बार घोषित होने के बाद हर साल 8 अप्रैल को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय रोमा दिवस वैश्विक स्तर पर रोमा समुदायों के प्रति भेदभाव की ओर ध्यान आकर्षित करता है और सभी के मानवाधिकारों का सम्मान करने और उनका पालन करने का आह्वान करता है। यूरोप के रोमा और सिंती लोगों (जिन्हें अक्सर ऐतिहासिक रूप से 'जिप्सी' कहा जाता है) को नाज़ियों ने पूरी तरह से नष्ट करने के लिए निशाना बनाया था। पोराजमोस, या पोराजमोस, जिसका अनुवाद 'भक्षण' होता है, यूरोप की रोमा और सिंती आबादी के नाजी नरसंहार को वर्णित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। नाजी शासन के तहत यूरोपीय रोमा और सिंती को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य बनाया गया था। इतिहासकारों का अनुमान है कि 200,000 से 500,000 रोमा और सिंती लोगों की हत्या कर दी गई या वे भूख या बीमारी के कारण मर गए, और कई लोगों को कैद कर लिया गया और नसबंदी और जबरन श्रम के लिए मजबूर किया गया। नाजियों के अधीन इस अवधि में जीवित बचे अनेक लोग द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी उत्पीड़न के शिकार रहे, क्योंकि रोमा समुदाय को यूरोप भर में विभिन्न रूपों में भेदभाव और पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा।

सोमवार, 7 अप्रैल 2025

7 अप्रैल


7 अप्रैल 
विश्व स्वास्थ्य दिवस 
World Health Day 2025
हर साल 7 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सेहत से जुड़े जरूरी मुद्दों और अधिकारों के बारे में बताना है। हर साल इस दिन के लिए एक खास थीम को चुना जाता है जिसपर लोगों को जागरूक किया जाता है। 7 अप्रैल 1948 को WHO की स्थापना हुई और इसी यादगार दिन को हर साल वर्ल्ड हेल्थ डे के रूप में मनाने की परंपरा 1950 से शुरू हुई। इस दिन का मकसद था- लोगों को यह एहसास कराना कि सेहत सिर्फ डॉक्टर या हॉस्पिटल की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी खुद की प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम का चयन किया जाता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए चिंता के प्राथमिकता वाले क्षेत्र पर प्रकाश डालता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस एक वैश्विक अभियान है, जो वैश्विक नेताओं से लेकर सभी देशों के लोगों तक सभी को वैश्विक प्रभाव वाली एक स्वास्थ्य चुनौती पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आमंत्रित करता है। नए और उभरते स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विश्व स्वास्थ्य दिवस लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई शुरू करने का अवसर प्रदान करता है।

रविवार, 6 अप्रैल 2025

6 अप्रैल


6 अप्रैल 
विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस
International Day of Sport for Development and Peace
6 अप्रैल को विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है , जो कि विश्व में अंकित पारंपरिक खेलों और खेलों की श्रृंखला का पता लगाने का अवसर है। खेल निष्पक्षता, टीम निर्माण, समानता, समावेश और दृढ़ता को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, खेल और शारीरिक गतिविधि हमें चिंताओं को कम करके, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करके और सामाजिक संबंधों को मजबूत करके संकट के समय से बाहर निकलने में भी मदद कर सकती है।विकास और शांति हेतु अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस पहली बार 2014 में मनाया गया था। विकास और शांति हेतु अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस दुनिया भर में समुदायों और लोगों के जीवन में खेल और शारीरिक गतिविधि की सकारात्मक भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करता है। 1896 में 6 अप्रैल के दिन प्रथम आधुनिक ओलंपिक का शुभारंभ किया गया था। 23 अगस्त 2013 को संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की कि विकास और शांति के लिए अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह तारीख 1896 में एथेंस में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों के उद्घाटन का भी प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इस महत्वपूर्ण उपलक्ष्य व विश्व शांति व विकास हेतु खेल की जादुई व विस्मयकारी शक्ति को पूरे विश्व में मर्यादित करने के उद्देश्य से विश्व खेल-दिवस घोषित किया गया था।

भाजपा स्थापना दिवस 
BJP की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार पर भारत के चुप रहने पर जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। डॉ. मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने का विरोध किया। उन्हें जेल में डाल दिया गया, जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। भले ही BJP की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई, लेकिन इसका इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचार पर भारत के चुप रहने पर जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। डॉ. मुखर्जी के नेतृत्व में जनसंघ ने कश्मीर को विशेषाधिकार देने का विरोध किया। उन्हें जेल में डाल दिया गया, जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 1967 में भारतीय जनसंघ एवं दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में कई राज्यों में कांग्रेस का एकाधिकार टूटा और कांग्रेस को राज्यों में हार मिलनी शुरू हुई। 1977 में जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सभी कांग्रेस-विरोधी दल एकजुट हुए और ‘जनता पार्टी’ बनाई। भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय 1 मई 1977 को हुआ। जनता पार्टी का प्रयोग ज्यादा दिन नहीं चला। तब 6 अप्रैल 1980 को नए संगठन के तौर पर BJP बनी। अटल बिहारी वाजपेयी पहले अध्यक्ष बने। 1984 के लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति लहर थी और भाजपा सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल कर सकी।
1989 में बोफोर्स और अन्य मुद्दों के चलते भाजपा आगे बढ़ी और तब उसके पास 85 सीटें थीं। मंदिर आंदोलन ने जोर पकड़ा तो 1991 में पार्टी की सीटें बढ़कर 120 हो गईं। 1993 में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल और मध्य प्रदेश में भी भाजपा के वोट बढ़े। 1995 में आंध्र, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कमल खिला।1996 में BJP ने 161 सीटें जीतीं और लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, पर बहुमत नहीं होने से 13 दिन में ही सरकार गिर गई। 1998 के मध्यावधि चुनावों में BJP ने सहयोगी दलों के साथ NDA बनाया और सत्ता में आई। 1999 में अन्नाद्रमुक ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। अक्टूबर-1999 में NDA ने 303 सीटें जीतीं और स्पष्ट बहुमत हासिल किया। BJP 183 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी।2004 में वाजपेयी के नेतृत्व में इंडिया शाइनिंग का नारा दिया गया, पर चला नहीं और कांग्रेस के 222 की तुलना में उसे 186 सीटें ही मिलीं। 2009 में भाजपा की सीटें घटकर 116 रह गईं। 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 282 सीटें जीतीं और 543 में से NDA ने 336 सीटों पर जीत हासिल की। मोदी 26 मई 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री बने। 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी को लोकसभा में बहुमत मिला था। इसके बाद BJP ने 2019 में 303 सीटों पर जीत हासिल की और इतिहास रच दिया। 2024 के आम चुनाव में पार्टी को 242 सीटें मिलीं।

शनिवार, 5 अप्रैल 2025

5 अप्रैल


5 अप्रैल 
राष्ट्रीय समुद्री दिवस
National Maritime Day
राष्ट्रीय समुद्री दिवस हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन भारत के समुद्री क्षेत्र में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित करने और समुद्री व्यापार के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1964 में हुई थी. राष्ट्रीय समुद्री दिवस पहली बार 5 अप्रैल, 1964 को मनाया गया था। इस दिन “वरुण” नामक एक पुरस्कार उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने भारतीय समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर भारत सरकार समुद्री क्षेत्र के विकास और समुद्री सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इस दिवस पर सरकार समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को पुरस्कार भी प्रदान करती है। भारत के व्यापार और वाणिज्य का बड़ा हिस्सा वैश्विक स्तर पर ले जाते हैं। राष्ट्रीय समुद्री दिवस देश के उन नौसैनिकों को “धन्यवाद” कहने का एक अवसर है जो आवश्यक वस्तुओं के निर्बाध परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय समुद्री दिवस 5 अप्रैल को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1919 में इसी दिन एसएस लॉयल्टी, पहला भारतीय ध्वज व्यापारी जहाज, मुंबई से लंदन के लिए रवाना हुआ था। 1964 में 5 अप्रैल को ही नौसेना ने पहली बार राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया था। भारत में स्वदेशी शिपिंग वास्तव में 5 अप्रैल 1919 के ही शुरु हुई थी. जब सिंधिया स्टीम नेवीगेशन कंपनी लिमिटेड ने अपनी पहली नौका एसएस लॉयल्टी  समुद्र में उतरी थी. यह भारत की पहला जहाज भी माना जाता है. राष्ट्रीय समुद्री दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को भारतीय जहाजरानी उद्योग की गतिविधियों और देश की अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका से अवगत कराना है।वर्ल्ड मैरिटाइम डे और नेशनल मैरीटाइम डे दोनों अलग अलग दिन मनाए जाते हैं. वर्ल्ड मैरिटाइम डे जहां सितंबर माह के अंतिम गुरूवार को मनाया जाता है, वहीं भारत में राष्ट्रीय समुद्री दिवस हर साल 5 अप्रैल को मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय विवेक दिवस 
International Day of Conscience 
शांति को बढ़ावा देने के लिए हर साल 5 अप्रैल को 'अंतर्राष्ट्रीय विवेक दिवस' मनाया जाता है। फेडरेशन ऑफ वर्ल्ड पीस एंड लव (FOWPAL) द्वारा 5 फरवरी, 2019 को संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय विवेक दिवस की घोषणा के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू किया गया था। बहरीन साम्राज्य ने "प्यार और विवेक के साथ शांति की संस्कृति को बढ़ावा देना" शीर्षक से एक ड्राफ्ट पेश किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अपने 73वें सत्र में 25 जुलाई, 2019 को प्रस्तावित प्रस्ताव को खारिज कर दिया और 5 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय विवेक दिवस के रूप में घोषित किया था। विवेक एक व्यक्ति की गलत और सही की व्याख्या करने की क्षमता है। मरियम-वेबस्टर के शब्दकोशों के अनुसार, यह जागरूकता की स्थिति के रूप में जाना जाता है कि किसी का कार्य या इरादा या तो नैतिक रूप से सही या गलत है, साथ ही सही काम करने के दायित्व की भावना भी है। (विविध स्रोत)

गुरुवार, 3 अप्रैल 2025

4 अप्रैल


4 अप्रैल 
अंतर्राष्ट्रीय बारूदी सुरंग जागरूकता दिवस
 International Day for Mine Awareness
 4 अप्रैल को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय बारूदी सुरंग जागरूकता दिवस (International Day for Mine Awareness) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है विश्व में खतरनाक खदानों के बारे में जागरूकता फैलाना और खनन कार्रवाई में सहायता करना। इस दिवस को मनाये जाने का प्रस्ताव पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 8 दिसंबर 2005 में पारित किया गया था। वहीं 4 अप्रैल 2006 को पहली बार यह दिवस पूरी दुनियाभर में मनाया गया। तब से लेकर हर साल 4 अप्रैल को यह दिवस मनाया जा रहा है।8 दिसंबर 2005 को, महासभा ने घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष 4 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता और खदान कार्रवाई में सहायता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
इसमें संयुक्त राष्ट्र और प्रासंगिक संगठनों की सहायता से राज्यों से उन देशों में राष्ट्रीय बारूदी सुरंग-कार्य क्षमताओं की स्थापना और विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया गया, जहां बारूदी सुरंगें और युद्ध के विस्फोटक अवशेष नागरिक आबादी की सुरक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं, या राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं। 20 से अधिक वर्षों से, संयुक्त राष्ट्र माइन एक्शन सर्विस ( यूएनएमएएस ) का कार्य प्रभावित लोगों की आवश्यकताओं से प्रेरित रहा है और नागरिकों, शांति सैनिकों और मानवतावादियों के सामने आने वाले विस्फोटक खतरों के अनुरूप रहा है। यूएनएमएएस जीवन बचाने, संयुक्त राष्ट्र मिशनों की तैनाती और मानवीय सहायता पहुंचाने, नागरिकों की सुरक्षा, आंतरिक रूप से विस्थापितों और शरणार्थियों की स्वैच्छिक वापसी का समर्थन करने, मानवीय और पुनर्प्राप्ति गतिविधियों को सक्षम करने और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार कानून की वकालत करने के लिए काम करता है। एंटी-पर्सनल माइंस के उपयोग, भंडारण, उत्पादन और हस्तांतरण के निषेध और उनके विनाश पर कन्वेंशन , जिसे आमतौर पर एंटी-पर्सनल माइन बैन कन्वेंशन के रूप में जाना जाता है, 1997 में हस्ताक्षर के लिए खोले जाने के बाद से , 164 देशों ने इसकी पुष्टि की है या इसे स्वीकार किया है। इस अभूतपूर्व गठबंधन द्वारा वकालत ने नागरिकों पर एंटी-पर्सनल लैंडमाइन के प्रभाव के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई और पूर्ण प्रतिबंध के लिए वैश्विक समर्थन जुटाया।संयुक्त राष्ट्र की माइन एक्शन रणनीति संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और भाग लेने वाली संस्थाओं के लिए जवाबदेही ढांचे के रूप में कार्य करती है, जो प्रभावित समुदायों का समर्थन करते हुए सशस्त्र संघर्षों के दौरान और बाद में विस्फोटक आयुध खतरों को रोकने और संबोधित करने के प्रयासों का मार्गदर्शन करती है। जैसा कि जून 2023 में IACG-MA प्रिंसिपलों द्वारा सहमति व्यक्त की गई थी, यह रणनीति अब समयबद्ध नहीं होगी और माइन एक्शन में सहायता पर महासचिव की द्विवार्षिक रिपोर्ट के साथ मेल खाने के लिए हर दो साल में आवधिक समीक्षा के अधीन रहेगी। IACG-MA के प्रिंसिपलों ने 13 दिसंबर 2023 को संयुक्त राष्ट्र की रणनीति का समर्थन किया। यह रणनीति 1 जनवरी 2024 से प्रभावी हुई।


राष्ट्रीय विटामिन सी दिवस
प्रत्येक वर्ष 4 अप्रैल को अमेरिका में राष्ट्रीय विटामिन सी दिवस पर उन सभी तरीकों के बारे में बताया जाता है जिनसे विटामिन सी हमारे स्वास्थ्य को अंदर और बाहर से पोषण और लाभ पहुंचाता है! विटामिन सी को सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है, लेकिन चिकित्सकीय रूप से यह विटामिन स्वास्थ्य के अन्य क्षेत्रों में भी एक पावरहाउस साबित हुआ है। उदाहरण के लिए, विटामिन सी रक्तचाप को कम कर सकता है और संभावित रूप से हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। गाउट के जोखिम वाले लोग विटामिन सी का सेवन बढ़ाकर इस जोखिम को कम कर सकते हैं। स्किनस्यूटिकल्स ने इस शोध और विटामिन सी के सिद्ध लाभों का जश्न मनाने के लिए 2019 में राष्ट्रीय विटामिन सी दिवस की स्थापना की। स्किनस्यूटिकल्स के संस्थापक वैज्ञानिक डॉ. शेल्डन पिनेल के अनुसंधान ने त्वचा में विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट के प्रभावी वितरण के लिए मापदंड स्थापित किए, जिससे स्किनस्यूटिकल्स को कॉस्मेटिक्स के उद्भव में अग्रणी बनने में सहायता मिली।

विश्व गाजर दिवस 
International Carrot Day 
 दुनियाभर में हर साल 4 अप्रैल को विश्व गाजर दिवस के रूप में मनाया जाता है। गाजर दिवस को मनाने के पीछे का उद्धेश्य लोगों को गाजर का सेवन करने से मिलने वाले फायदों के प्रति जागरूक करवाना है। सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2003 में हुई थी। गाजर को उसके पोषण मूल्य और बहुमुखी प्रतिभा के लिए सम्मानित किया जाता है, और यह दिन हमें गाजर के बारे में जानकारी फैलाने और इसके स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका देता है। गाजर का वानस्पतिक नाम डाकस कैरोटा है। जानकारों का मानना है कि एशिया के लोगों ने सबसे पहले गाजर की खेती की शुरुआत की और वहीं से ये विश्व के अन्य देशों में पहुंची। गाजर चार अलग-अलग रंगों लाल,पीली, संतरी और काली रंग की पाई जाती है। जानकारों का मानना है कि गाजर की मूल उत्पत्ति पंजाब और कश्मीर की पहाड़ियो में हुई. साल 2003 में अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस की स्थापित की गई। जिसके बाद साल  2012 तक यह दुनिया भर में उन सभी जगहों पर फैल गया है, जहां गाजर के बारे में लोग जानते थे। बता दें, सबसे पहले गाजर दिवस को मनाने की शुरुआत फ्रांस और स्वीडन से हुई। इसके बाद भारत, जापान, रूस इटली समेत दुनिया के कई देशों में विश्व गाजर दिवस मनाया जाने लगा। गाजर दिवस को मनाने का मकसद देश के लोगों के बीच गाजर जैसे पौष्टिक आहारों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने का था। 

विश्व चूहा दिवस 
विश्व चूहा दिवस 2002 से 4 अप्रैल को मनाया जाता रहा है, जब चूहा प्रेमियों द्वारा इसे मनाने के लिए एक आंदोलन की शुरुआत की गई थी।इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि इंसान चूहों के प्रति अपनी नफरत को खत्म करे और उनके बारे में अच्छा सोचे. दरअसल, ब्यूबोनिक प्लेग के बाद से पूरी दुनिया में चूहों को नफरत की निगाहों से देखा गया. उन्हें बीमारी फैलाने वाला, खाना चुराने वाला, अनाज बर्बाद करने वाला एक गंदा जीव माना गया. लेकिन चूहे इससे कहीं बेहतर हैं. उनके अंतर कमाल की क्षमताएं हैं...यहां तक की कुछ लोग चूहों को पालते भी हैं और उन लोगों का मानना है कि चूहे बेहद बुद्धिमान और मनोरंजक साथी होते हैं. इंसानों को उनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है और इसके साथ ही उन्हें देखभाल और ढेर सारे प्यार की जरूरत है.एशिया में चूहों को यूरोप की तुलना में ज्यादा अनुकूल माना जाता है. यूरोप में जहां उन्हें अपशकुन के रूप में देखा जाता है, वहीं एशिया के भारत जैसे देश में उन्हें कई जगह पूजा जाता है. चूहा हिंदू धर्म के भगवान श्री गणेश का वाहन भी है. अब मूल सवाल पर आते हैं कि आखिर वर्ल्ड रैट डे मनाने की शुरुआत कब से हुई है. दरअसल, 2002 में कुछ लोगों के एक समूह ने चूहों को समर्पित एक दिन शुरू किया और उसी के बाद से 4 अप्रैल को वर्ल्ड रैट डे मनाया जाने लगा. (विविध स्रोत)


बुधवार, 2 अप्रैल 2025

3 अप्रैल


3 अप्रैल 
हिंदी रंगमंच दिवस 
हिंदी रंगमंच दिवस प्रतिवर्ष ३ अप्रैल को मनाया जाता है। तीन अप्रैल 1868 की शाम बनारस में पहली बार शीतलाप्रसाद त्रिपाठी कृत हिन्दी नाटक 'जानकी मंगल' का मंचन हुआ। जून 1967 में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य का इतिहास में पहली बार इस नाटक के मंचन को प्रामाणिक तौर पर पुष्ट किया। इंग्लैंड के 'एलिन इंडियन मेल' के आठ मई 1868 के अंक में भी उस नाटक के मंचन की जानकारी भी प्रकाशित हुई थी। इसी आधार पर पहली बार शरद नागर ने ही हिन्दी रंगमंच दिवस की घोषणा तीन अप्रैल को की थी। कुछ लोग इस मामले पर हस्तक्षेप करते हुए यह भी कहते हैं कि सन १८५३ में नेपाल के भाटगाँव में “विद्याविलाप “ नामक हिन्दी नाटक खेला गया था। जबकि कुछ लोगों का यह भी कहना हे कि सन 1850 से 1860 के बीच लखनऊ में “इंद्रसभा” और नवाब वाजिद अलीशाह के “किस्सा राधा कन्हैया” का मंचन हुआ था। बताते हैं कि उन्हीं दिनों मुंबई में सांगलीकर नाटक मंडली ने “ गोपीचन्दोपाख्यान “ (ओपेरा) का मंचन किया था। 

झारखंड वॉलीबॉल दिवस 
झारखंड वॉलीबॉल दिवस 3 अप्रैल को झारखंड के सभी जिलों में धूमधाम से मनाया जाता है। झारखंड वॉलीबॉल संघ से संबद्ध सभी जिला संघ, यूनिट एवं क्लबों द्वारा इस विशेष अवसर पर वॉलीबॉल प्रतियोगिता, प्रशिक्षण शिविर, कार्यशाला और सम्मान समारोह का आयोजन करते हैं। यह आयोजन झारखंड वॉलीबॉल संघ के पितामह कहलाने वाले शेखर बोस के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। रांची से करीब 70 किलोमीटर दूर जंगलों-पहाड़ों के बीच बसे मैकलुस्कीगंज में 14 एकड़ में फैली गुलमोहर कोठी में पिछले 40 सालों से झारखंड में वॉलीबॉल के नर्सरी मैन कहे जाने वाले शेखर बोस वॉलीबॉल एकेडमी चलाते हैं। इस हॉस्टल के 10 से ज्यादा बच्चे सेना, पुलिस और दूसरी नौकरियों में पिछले दिनों सिलेक्ट हुए हैं। शेखर बोस ने 2000 में मैकलुस्कीगंज आकर कुछ पैसों से मैंने सेंटर शुरू किया। दो साल तक बच्चे इस सेंटर में रहते हैं। शुरूआत में काफी मुश्किलें आईं। लेकिन यहां की यह तस्वीर बदल गई। कभी यहां की कोठियों में यूरोपियन लोगों के क्लब हुआ करते थे। आज भी 20-22 एंग्लो इंडियन परिवार यहां रहते हैं। कभी वॉलीबॉल के मशहूर खिलाड़ी रहे शेखर दा की जिद थी कि यहां वॉलीबॉल एकेडमी खोलेंगे। शेखर ने अनंत कुमार चौधरी जैसे खिलाड़यों को लेकर गुलमोहर वॉलीबॉल एकेडमी शुरू की। एजी ऑफिस से नौकरी से रिटायर होने के बाद वे रांची यूनिवर्सिटी में वॉलीबॉल कोच बने। शेखर झारखंड वॉलीबॉल एसोसिएशन के महासचिव भी रहे।

राष्ट्रीय पैदल यात्रा दिवस 
हमारे पैरों को गतिशील रखने और स्वस्थ रहने में हमारी मदद करने के लिए, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) हर साल अप्रैल के पहले बुधवार को राष्ट्रीय पैदल चलने का दिन मनाता है ताकि सभी उम्र के लोगों को पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत 2007 में राष्ट्रीय वॉकिंग दिवस की शुरुआत की। यह आयोजन हमारे दैनिक जीवन में अधिक शारीरिक गतिविधि को शामिल करने के लिए एक शानदार अनुस्मारक है। AHA स्कूलों, कार्यस्थलों और समुदायों को भाग लेने के लिए सहायक संसाधन प्रदान करता है, जिसमें चलने की चुनौतियाँ, समूह में टहलना और चलने के लाभों पर शैक्षिक सामग्री शामिल है। राष्ट्रीय पैदल यात्रा दिवस हृदय को स्वस्थ रखने वाली जीवनशैली अपनाने के लिए एक आदर्श अवसर है - चाहे वह दोपहर के भोजन के दौरान तेज चलना हो, किसी स्थानीय पैदल चलने वाले समूह में शामिल होना हो, या व्यक्तिगत कदम लक्ष्य निर्धारित करना हो। प्रतिदिन 7,000 से 10,000 कदम चलने का लक्ष्य हृदय संबंधी फिटनेस बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन लक्ष्य है, और दिन भर में थोड़ी-थोड़ी देर की सैर भी फर्क ला सकती है। (विविध स्रोत)

मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

2 अप्रैल


2 अप्रैल 
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 
(World Autism Awareness Day)
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस (WAAD) हर साल 2 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) के बारे में जागरूकता, स्वीकृति और समझ को बढ़ाना है. WAAD प्रारंभिक निदान, सहायता और नीतियों को प्रोत्साहित करता है जो सुनिश्चित करते हैं कि ऑटिस्टिक व्यक्ति एक समावेशी समाज में पूर्ण जीवन जीते हैं. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2007 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की शुरुआत की थी। इसका मकसद लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरूक करना और इसे बेहतर तरीके से समझने में मदद करना था. पहले यह दिन सिर्फ जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता था लेकिन अब इसका मकसद ऑटिज्म से जुड़े लोगों को स्वीकार करना, उन्हें समाज में जगह देना और उनके योगदान को पहचानना भी है. ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) एक न्यूरोडेवलपमेंटल स्थिति है जो सामाजिक संपर्क और व्यवहार को प्रभावित करती है. इसे स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण और गंभीरता व्यक्तियों में भिन्न होती है. ऑटिज्म कोई बीमारी नहीं है बल्कि दुनिया को अनुभव करने का एक अलग तरीका है. हालाँकि इसके सटीक कारण अज्ञात हैं.18 दिसंबर 2007 को आयोजित 76वीं पूर्ण बैठक में संयुक्त राष्ट्र ने 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में नामित किया, जिसे 2008 से हर साल मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग और आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग, न्यूरोडाइवर्सिटी संस्थान (आईओएन) के सहयोग से, जो कि न्यूरोडाइवर्सिटी व्यक्तियों द्वारा न्यूरोडाइवर्सिटी व्यक्तियों और उनके सहयोगियों के लिए स्थापित और संचालित एक संगठन है, 2025 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का आयोजन करेंगे।न्यूरोडाइवर्सिटी एक शब्द है जिसे मूल रूप से ऑस्ट्रेलियाई समाजशास्त्री जूडी सिंगर ने 1990 के दशक के अंत में गढ़ा था, जिसमें विभिन्न लोगों के बीच लगभग अनंत न्यूरोकॉग्निटिव अंतर शामिल हैं। यह हर व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र में अंतर की पहचान करता है और जिसके द्वारा वे कौशल और जरूरतों का एक अलग सेट लाते हैं। ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिस्प्रैक्सिया, डिस्लेक्सिया, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर आदि के बीच विभिन्न न्यूरोमाइनॉरिटीज में से एक है।

मुक्ति दिवस अमेरिका 
2025 में अपने दूसरे कार्यकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को ‘मुक्ति दिवस’ के रूप में घोषित किया। इस दिन से उन्होंने विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर नए टैरिफ लागू करने का एलान किया। ट्रंप ने इसे अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है, जिसका उद्देश्य देश को विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता से मुक्त करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इस घोषणा ने भारत सहित वैश्विक व्यापार, बाजारों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक चर्चा और अनिश्चितता पैदा कर दी है। इससे अमेरिका और उसके व्यापारिक साझेदारों के बीच पहले से ही जारी व्यापार युद्ध और गहराने की आशंका जताई जा रही है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को "लिबरेशन डे" यानी 'मुक्ति दिवस' करार देते हुए कहा है कि उनकी नई टैरिफ नीति अमेरिका को विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता से मुक्त करेगी। उनके अनुसार, ये शुल्क उन करों के बराबर होंगे जो अन्य देश अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। हालांकि, इस नीति का कार्यान्वयन कैसे होगा, इस पर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं। ट्रंप का मानना है कि यह कदम अमेरिका के व्यापार असंतुलन को ठीक करेगा और उन देशों को जवाब देगा जो अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “दशकों से हम दुनिया के हर देश, दोस्त और दुश्मन दोनों, द्वारा लूटे गए हैं। अब समय आ गया है कि अमेरिका अपना पैसा और सम्मान वापस ले।”

राष्ट्रीय सुलह दिवस
अमेरिका में हर साल 2 अप्रैल को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय सुलह दिवस हमें उन रिश्तों को सुधारने के लिए प्रेरित करता है जिन्हें हमने शब्दों या कार्यों के माध्यम से खराब कर दिया है। जबकि दुनिया भर में कई अलग-अलग "सुलह दिवस" मनाए जाते हैं, यह विशेष रूप से 2 अप्रैल को मनाया जाता है। सुलह दिवस के कई संदर्भ हैं। हालांकि, कई लोग अखबार की स्तंभकार एन लैंडर्स को इसका श्रेय देते हैं, जिन्होंने 1989 में अपने पाठकों के एक पत्र के जवाब में, 2 अप्रैल को हर साल सुलह दिवस के रूप में प्रचारित करना शुरू किया। उन्होंने अपने पाठकों को अपने टूटे हुए रिश्तों को सुधारने के लिए प्रोत्साहित किया और 2 अप्रैल के प्रत्येक कॉलम को ऐसे ही रिश्तों से संबंधित पत्रों के लिए समर्पित किया। (विविध स्रोत)