2 मई
विश्व टूना दिवस
विश्व टूना दिवस 2 मई को पूरे विश्व भर में मनाया जाता है. साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल विश्व टूना दिवस मनाने का ऐलान किया था. जिसके बाद विश्व टूना दिवस का उद्घाटन समारोह मई 2017 में हुआ था। विश्व टूना दिवस अत्यधिक मछली पकड़ने के गंभीर मुद्दे और इस वैश्विक समस्या के समाधान के लिए अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है. यह टिकाऊ मत्स्य प्रबंधन प्रथाओं के महत्व और अवांछित प्रजातियों की आकस्मिक पकड़ को कम करने की आवश्यकता की याद दिलाने के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन टूना उद्योग के सामने आने वाले एक महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. विश्व टूना दिवस पहली बार 2017 में मनाया गया था. इस दिन की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा टूना की घटती आबादी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और टूना मत्स्य पालन के संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए की गई थी. टूना उद्योग कई देशों के लिए खाद्य सुरक्षा, आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है. टूना ओमेगा-3, विटामिन बी12 और प्रोटीन से भरपूर है, जो इसे अत्यधिक पौष्टिक और मूल्यवान खाद्य पदार्थ बनाता है. हालांकि, हाल के वर्षों में टूना की आबादी में काफी गिरावट आई है।
विश्व अस्थमा दिवस
दुनियाभर में हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। साल 2023 में 'वर्ल्ड अस्थमा डे' 2 मई को मनाया गया। यह खास दिन हर साल लोगों को अस्थमा से बचाव और रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। अस्थमा सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक है। यह रोग फेफड़ों पर अटैक करके सांस को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को अस्थमा की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है उन्हें अपने आहार और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। वर्ल्ड अस्थमा डे को सबसे पहले मनाने की शुरुआत साल 1993 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा द्वारा की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अनुमान लगाया गया कि वैश्विक स्तर पर 339 मिलियन से अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित है जबकि साल 2016 में वैश्विक स्तर पर अस्थमा के कारण 417,918 मौतें हुई थीं।
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